मेरी गंगा मां निर्मल पावन करतीं सबका उद्धार है मां जो शरण में उनकी आता है भव पार लगातीं गंगा मां
श्री हरि चरणों में डेरा है ब्रम्हा ने धरा पे उतारा है भोले ने जटा में संभाला है करतीं सबका उद्धार है मां
भागीरथ की विनती मानी वरदान दिया है तपस्या का तारा है सगर के पुत्रों को करतीं सबका उद्धार है मां
यहां ऋषि मुनि सब रहते हैं गंगा की महिमा गाते हैं जो डुबकी एक लगाता है करतीं उसका उद्धार है मां
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