मिले न भांग तो शिव घबड़ाये मिले तो खूब चढाये इन्हें क्या हो गया है इन्हें क्या हो गया है
ओ भोले भंडारी देखा जो आंखें तेरी भांग की ओ हो , हम पर भी चढ़ गई भांग दुनिया दिखेगी सब रंग की ओ हो, हम भी पियें और तुम्हें पिलायें पीते पीते गायें इन्हें क्या हो गया है इन्हें क्या हो गया है
ओ भोले शिव लहरी रंग ले हमे भी अपने रंग में ओ हो , फिर से बजाये डमरू नाचेंगे हम तेरे संग में ओ हो , सिर को झुका के फूल चढ़ाएं तेरे ही गुण गायें इन्हें क्या हो गया है इन्हें क्या हो गया है
ओ भोले संन्यासी कहां जा छिपे हो अपने रंग में ओ हो , भक्त पुकारें तुमको दुनिया से रिश्ता नाता तोड़ के ओ हो , मुझे बुला लो सच कहती हूं दुनिया से दूर जायें इन्हें क्या हो गया है इन्हें क्या हो गया है
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