प्रभु के सिवा कहीं दिल ना लगाना हरि के सिवा कहीं दिल न लगाना ,नहीं तो पड़ेगा तुझे आंसू बहाना प्रभू के सिवा कहीं दिल ना लगाना
जो प्रभु का गुणगान किया है सच्चा जीवन वो ही जिया है,
सुमिरन के बल से तुझे मुक्ति है पाना प्रभू के सिवा कहीं दिल न लगाना
बालापन गया आज जवां है, बीत गया अब समय कहाँ है,
सोच समझ के वक्त गंवाना प्रभू के सिवा कहीं दिल ना लगाना
आया जहाँ से वही फिर है जाना, वहां साथ जाए ना पैसा खजाना पूछेगा तो क्या करोगे बहाना प्रभू के सिवा कहीं दिल ना लगाना प्रभु के सिवा......
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