गुरु बिन ज्ञान गंगा बिन तीर्थ , बिन गयारस के व्रत नहीं है
मां को लाड़ पिता को आदर , बिन भैया व्यापार नहीं है गुरु बिन...
सासू बिन लाड़ ससुर बिन आदर , बिना पति श्रंगार नहीं है गुरु बिन...
धन बिन मान पुरुष बिन नारी , बिन बेटा कुल बाढ़े नहीं है गुरु बिन...
ननदी को मान भांजे को आदर , बिना दान भव पार नहीं है गुरु बिन..
पोथी बिन मान खड़ग बिन क्षत्रिय , बिन सुमिरन के स्वर्ग नहीं है गुरु बिन..
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