ललना दे दो मैया पलना में झुलाऊंगी हर नवरात्रों में तेरी डगर बुहारूंगी ललना दे दो मैया पलना में झुलाऊंगी
मोहे बांझ कहत सैंया असगुन मानत गुइयां , मैया बांझ का नाम मिटा तेरा झंडा चढ़ाऊंगी
सैंया ने मारा है मुझे घर से निकाला है मां गोद लिए खाली मैं घर कैसे जाऊंगी
दे दो मेहरावाली मां मुझे मां कहने वाला मैं रोती आई हूं अब हंसती जाऊंगी
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