हरि का भजन कर ले यदि मुक्ति को पाना है जीवन है दो दिन का नहीं इसका ठिकाना है
आया था ये कह के करूंगा मैं भजन हरि का , आकर के दुनिया में तूने हरि को भुलाया है
दुनिया की दौलत को जिसे तूने संभाला है , संग नहीं जाना है सब यहीं रह जाना है झूठे सब नाते हैं
सच इनको तू कहता है , कोई नहीं अपना है सारा जग ये बेगाना है
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