सुखी मेरा परिवार है ये तेरा उपकार है, मेरे घर का एक एक पत्थर तेरा कर्जदार है
देख गरीबी घबराए हम रहते थे परेशान जी,किस्मत हमको लेके गई थी फिर मैया के धाम जी,नजर पड़ी मेरी मैया की भरा पड़ा भंडार है मेरे घर का एक एक पत्थर तेरा कर्जदार है
दबी पड़ी है झोपड़ी मैया के एहसान से,भरी पड़ी है कुटिया मेरी बस माँ के सामान से,जब भी माँगा मैया से किया नही इंकार है मेरे घर का एक एक पत्थर तेरा कर्जदार है
जब जब संकट आता है माँ के आगे रोते है, हम तो इसके भरोसे जी खुटी तान के सोते हैं, हर पल करती रखवाली ये बनके पहरेदार है मेरे घर का एक एक पत्थर तेरा कर्जदार है
मैया जी का दिल देखा दिल की बड़ी दिलदार है, इस परिवार को ये समझें खुद का ही परिवार है, जान से ज्यादा मैया हमसे करती प्यार हैं मेरे घर का एक एक पत्थर तेरा कर्जदार है
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