मैया की चुनरिया चमक रही रे देखन को नजरिया तरस रही रे
लाल चुनरिया पर गोटा किनारी, पैरों में पायलिया बज रही रे देखन को नजरिया तरस रही रे
ओढ़ चुनारिया चले शेरोंवाली , पैरों मे पायलिया खनक रही रे देखन को नजरिया तरस रही रे
कैसे लिखें तेरी चुनरी की शोभा , भगतों की उंगलियां फड़क रही रे देखन को नजरिया तरस रही रे
भक्तों के हाथों में जब ढोलक बाजे , ऐसा लागे कि चूड़ियां खनक रही रे देखन को नजरियाँ तरस रही रे
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