श्याम थोड़ी दूर पे है झोपड़ी हमारी छोटा सा परिवार सेवा करेगा तुम्हारी अपनी शरण में हमें भी बिठाना खाना खाके जाना श्याम खाना खाके जाना
आप से हमारी कोई जान न पहचान है आपकी गली में हम सब अनजान हैं आपको बुलाया हमें रिश्ता है बनाना खाना खाके जाना श्याम खाना खाके जाना
सुना है न खाली हाथ आया कोई दर से श्याम वहां जायें जहां प्रेम रस बरसे एक बार श्याम को हमे भी अजमाना खाना खाके जाना श्याम खाना खाके जाना
आपको बुलाने में संकोच हो रहा है रूक न सकेंगे मेरा दिल रो रहा है दर तेरे आयेंगे चाहें रोके जमाना खाना खाके जाना श्याम खाना खाके जाना
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