पत्थर दिल तोहे क्या समझाऊं ज्ञान के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
जन्म लिया इस जग में आई जीने के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
पांच साल में पढ़ने लगी ज्ञान के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
सोलह साल में खूब कमाया नाम के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
बीस वर्ष में ब्याह रचाया साजन के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
बाबुल ने मुझे डोली में बिठाया दान के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
सास ननद मेरी ताना मारें सन्तान के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
लिख लिख चिट्ठियां भेजीं पीहर , बाबुल रे कोई जतन बता दे मरने के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
बेटी रे तू रब रब जप ले मुक्ति के लिए मैंने जीवन अर्पण कर दिया भगवान के लिए
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