मेरे मन्दिर में नौ नौ देवियां हैं ब्रम्हा विष्णु महेश की सहेलियां हैं
मैंने कहा टीका मंगाया सारी रात हो गई शेरावाली न आई क्या बात हो गई
मैंने झुमका मंगाये सारी रात हो गई मेरी मैया न आई क्या बात हो गई
मैंने हरवा मंगाया सारी रात हो गई पर्वत वाली न आई क्या बात हो गई
मैंने कंगना मंगाया सारी रात हो गई शेरावाली न आई क्या बात हो गई
मैंने तगड़ी मंगाई सारी रात हो गई पर्वत वाली न आई क्या बात हो गई
मैंने पायल मंगाई सारी रात हो गई मेरी मैया न आई क्या बात हो गई
मैंने साड़ी मंगाई सारी रात हो गई शेरावाली न आई क्या बात हो गई
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