ब्रज गलियन में झूम झूम के मन की तपन बुझाओ राधे राधे गाओ राधे राधे गाओ
कभी कन्हैया जमुना किनारे गैयां चराते मिलेंगे जितनी तमन्ना दिल में भरी है इक इक उनसे कहेंगे मन के मन मंदिर में प्यारे बांके बिहारी बिठाओ राधे राधे गाओ.....
मोर पपीहा कोयल मैना यही राग दोहराते कदम डाल पर बैठे कन्हैया राधे राधे गाते कृपा करो श्री राधे रानी दर्शन हमें कराओ राधे-राधे गाओ......
राधे कृपा से हम तुम सब पर कृपा करेंगे बिहारी खोज खोज कर हार चुके हैं सुन लो श्याम हमारी रो रो कर के अपने श्याम को मन की व्यथा सुनाओ राधे राधे गाओ ....
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