मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव जामें सारी उम्र कट जाये
मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव
बृंदावन के ठीक सामने मेरा ये बंगला होवे , कदम बृक्ष के ठीक सामने लता पता संग में होवे , दरवाजे पे मोहन लिख दो सतगुरु लिखो किंवाड मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव
उस बंगले के ठीक सामने तुलसी और केला होवे , गेंदा गुलाब के फूल खिलें हों राधा कृष्ण दोनों होवे , उन फूलों का हार बनाके कृष्ण गले पहनाऊं मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव
पूनों अमावस्य होय कीर्तन संतो की संगत होवे , बांके बिहारी दर्शन देवें तब इच्छा पूरी होवे , माखन मिश्री भोग लगाऊं जूठन हमें मिल जाये मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे झूला तुम डलवा जाना , भादों में तेरी सालगिरह हो बंगले में टीका करवाना , क्वांर मास की शरद पूर्णिमा आकर के रास रचाना मढ़इया मेरी ऐसी छबइयो गुरुदेव
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