शेरावाली को मनाने हम भी आये हैं पहाड़ा वाली को मनाने हम भी आये हैं
दादुर मोर पपीहा बोले सिंह फिरे अलबेला , मेरी तो बस तू ही मां है मैं हूं जग में अकेला , तेरे मंगलाचार गाने हम भी आये हैं
पान सुपारी ध्वजा नारियल भेंट तेरी लाये , चरणों में रख शीष आपके अवगुण माफ कराये , अपनी बिगड़ी को बनाने हम भी आये हैं
ब्रम्हा वेद पढ़ें तेरे द्वारे शंकर ध्यान लगाये मां , नारद शारद करें स्तुति दर्शन तेरा पायें मां , तेरा दर्शन करने मैया हम भी आये हैं
भक्तों की मां झोली भर दो अबकी देर न करना , माफ करो मेरे अवगुण मैया अपना दास समझना , तेरा जयकारा लगाने हम भी आये हैं
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