होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी
बरसे गुलाल रंग मोरे अंगनवा अपने ही रंग मोहे रंग दे सजनवा तोरे कारन घर से आई हूँ निकल के सुना दे ज़रा बांसरी होली आयी रे...
छूटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरिया धोबनिया धोये चाहे सारी उमरिया मोहे भाये ना हरजाई रंग हलके सुना दे ज़रा बांसरी होली आयी रे ....
होली घर आई तू भी आजा मुरारी मन ही मन राधा रोये बिरहा की मारी काहे छोड़ी रे कलाई संग चल के सुना दे जरा बांसुरी होली आई रे.....
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