मैं कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग
कोरे कोरे कलश मँगाए केसर घोरो रंग भर पिचकारी मेरे सन्मुख मारी सखियाँ हो गई दंग, रंग में कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग,
साड़ी सरस सभी मेरो भींजो भींज गयो सब अंग, और या बज मारे को कहाँ भिगोउं कारी कमर अंग , रंग में कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग
तबला बाजे सारंगी बाजे और बाजे मृदंग और श्याम सुंदर की बंशी बाजे राधा जू के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग
घर घर से ब्रज बनिता आई लिए किशोरी संग, चन्द्रसखी हसयो उठ बोली लगा श्याम के अंग, रंग में कैसे होली खेलूँगी या सांवरिया के संग
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