हिमाचल नगरी बारात चली है शिव गौरा की शादी होने लगी है
भोले की शीष पे गंगा की धारा माथे पे चमके चंदा प्यारा नंदी पे भोले की सवारी चली है शिव गौरा की शादी होने लगी है
तन पे भस्म गले नागों की माला हाथों में डमरू कान बिच्छू के झाला ढोल और नगाड़ों की बरसात हुई है शिव गौरा की शादी होने लगी है
करके अगवानी नारद जी आये सब देवों संग ब्रम्हा जी आये भूतों की टोली देख मैना डरीं हैं शिव गौरा की शादी होने लगी है
नारद जी मैना को समझा रहे हैं शिव जैसा वर पाके भाग्य जग रहे हैं फूल बरसाए जयकार हुई है शिव गौरा की शादी होने लगी है
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