शाम सबेरे भज ले प्राणी एक माला हरि नाम की जिस माला में नाम नहीं वो माला है किस काम की
नाम के बल टर अंगद जी ने रावण को ललकारा था लेकर नाम प्रभू का उसने सभा में पैर जमाया था महिमा अपरम्पार है
प्रभू रामचन्द्र भगवान की जिस माला में नाम नहीं वो माला है किस काम की
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