कैसो बैठो रे आलस्य में तोसे राम भजन न होय🌹अद्भुत भजन सुनिए जो हम सभी के जीवन से जुड़ा है🌹

 

 

कैसे बैठो रे आलस्य में तोसे राम भजन न होय , तोसे राम भजन न होय तोसे कृष्ण कहो न जाये कैसे बैठो रे आलस्य में तोसे राम भजन न होय 

भोर भयो मलमल मुख धोयो दिन चढ़ते ही पेट टटोलो शाम कीमती क्यों तू खोये बार बार न आय कैसे बैठो रे आलस्य में तोसे राम भजन न होय 

बातन बातन सब दिन खोयो सांझ भई पलका पर सोयो सोवत सोवत उम्र बीत गई काल शीष मड़राय कैसे बैठो तोसे राम भजन न होय 

लख चौरासी तू भरमायो बड़े भाग्य से नर तन पायो अब न बंदे कर मनमानी हीरा जन्म है पाये कैसे बैठो रे आलस्य में तोसे राम भजन न होय 




Share:

No comments:

Post a Comment