डमरू वाले से त्रिशूल वाले से मैया करा दे मेरा ब्याह , तुम हो गौरा भोली भाली वाके घर न दुअरिया डमरू वाले से...
जब मैं सपने देखूं भोले ही नजर आयें , कहते गौरा आओ अपनी दुल्हन तुम्हें बनायें , दिल में मेरे ऐसे बस गये नैनों बीच पुतरिया डमरू वाले से ...
उस डमरू वाले के जटा में गंगा बिराजे , डुबकी जो लगाता भव सागर वो तर जाये , माथे पे चंदा ऐसे चमके जैसे दिन का उजाला डमरू वाले से....
तीन लोक के स्वामी भोले बाबा नाथ हमारे , पति रूप में पाऊं तो खुल जायें भाग्य हमारे , डाल दो मैया भोले के संग मेरी भांवरिया डमरू वाले से ...
गौरा की बातों ने मैया की आंखें खोलीं , ब्याह करूंगी भोले संग जायेगी तेरी डोली , शिव गौरा का ब्याह रचाया पड़ गईं रे भांवरिया डमरू वाले से ...
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