भंगिया का लोटा चढ़ाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
माथे पे चंदा चम चम चमके गंगा जटा से बहाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
सर्पों की माला गले में बिराजे डम डम डमरू बजाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
ब्रम्हा भी नाचें विष्णु भी नाचें सारे जग को नचाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
अंग भभूति बगल मृगछाला छम छम नाच दिखाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
खुश होके भोला बांटे खजाना जिसने जो मांगा वो पाय गयो रे मेरा भोला भंडारी
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