गुमान काहे करतीं गोरे बदन का भजन क्यों न करतीं राधा रमण का
राम लखन जैसे दोऊ भैया उन्हें भी दुख पड़ गया सीता हरण का
चंदा सूरज दोनों नक्षत्र हैं उन्हें भी दुख पड़ गया राहु केतु का
रावण कुंभकर्ण जैसे बड़े योद्धा उन्हें भी दुख पड़ गया लंका दहन का
कृष्ण बलदाऊ जैसे दोऊ भैया उन्हें भी दुख पड़ गया मोह बिछड़न का
No comments:
Post a Comment