नाम हरि का सुमिर ले बन्दे भवसागर तर जायेगा यही काम तेरे आयेगा
श्रद्धा और विश्वास से दाता जो दर तेरे आया , जीवन का सच्चा आनंद तो उसने ही है पाया
झूठे जग की झूठी माया इसमें दिल न लगाना , हरि प्यारे की शरण में आना इसने पार लगाना
मैं मेरी का अभिमान न करना सिर पर मौत निवानी , एक दिन ऐसा आएगा बन्दे तू डूबेगा बिन पानी
गुरु वचनों को मन में बसा ले हरि से प्रीति लगा ले , सतगुरु सागर में डुबकी लगा ले नाम प्रभु का गा ले
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