तूने इतना दिया बनवारी ओ बांके बिहारी कि मैं तो मालामाल हो गई
एक मैं हूं कभी शुक्रिया न किया एक तुम हो जो रहमत किये जा रहे तूने रहम किया बनवारी ओ बांके बिहारी कि मैं तो मालामाल हो गई
मैं खता पे खता करती ही रही एक तुम हो जो माफी दिये जा रहे तुम्हें मान लिया बनवारी ओ बांके बिहारी कि मैं तो मालामाल हो गई
एक मैं हूं सदा मांगती ही रही एक तुम हो जो मांगा दिये जा रहे तूने बस कुछ दिया बनवारी ओ बांके बिहारी कि मैं तो मालामाल हो गई
No comments:
Post a Comment