मेरे बालाजी महाराज बना दो बिगड़ी मेरी माता अंजनी के लाल बना दो बिगड़ी मेरी
जो कोई तेरी शरण में आए उसके सब दुखड़े मिट जायें मैं तो आन पड़ी तेरे द्वार बना दो बिगड़ी मेरी
अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी भक्तों के प्रभु तुम हितकारी मेरी बिनती बारम्बार बना दो बिगड़ी मेरी
देवों में तुम देव हो न्यारे भक्तों के प्रभु काज सवांरे मैं तो शरण आई महाराज बना दो बिगड़ी मेरी
भक्तों में तुम भक्त निराले सियाराम जी के तुम हो प्यारे हम भक्तों के पालनहार बना दो बिगड़ी मेरी
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