देखो री एक बाला जोगी द्वार तुम्हारे आया है
बाघाम्बर का ओढ़े दुशाला शेषनाग लिपटाया है माथे वाके तिलक चंद्रमा जोगी जटा बढ़ाया है
ले भिक्षा निकलीं नंदरानी मुतियन थाल भराया है जा जोगी अपने आश्रम को कान्हा मेरा डराया है
न चाहिए तेरे हीरे मोती न चाहिए तेरी माया है अपने लाल के दरश दिखा दे साधु कैलाश से आया है
ले कान्हा निकलीं नंदरानी योगी दर्शन पाया है सात बार परिक्रमा करके सिंगी नाद बजाया है
सूरदास बैकुंठ धाम में धन्य यशोदा मैया हैं तीन लोक के कर्ता हर्ता गोद में तेरी आया है
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