आ मन बैठ जरा गुरु जी के चरणों में आ मन ध्यान लगा गुरु जी के चरणों में
सुबह और शाम हुई जिंदगी तमाम हुई , जिंदगी को अपना बना गुरु जी के चरणों में
पाप और पुण्य तेरे गुरु जी को अर्पण हैं , गुरु जी को अपना बना गुरु जी के चरणों में
काम और क्रोध तेरा कुछ न बिगाड़ेंगे , सत्य की कुटिया बना गुरु जी के चरणों में
ये जग छोड़ हमें एक दिन जाना है , अपना ठिकाना बना गुरु जी के चरणों में
ये जग सपना है कोई नहीं अपना है प्रेम की ज्योति जला गुरु जी के चरणों में
भक्त बुलाते हैं हरि दौड़े आते हैं , हरि जी के दरश तू पा गुरु जी के चरणों में
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