दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार यहां से गर जो हारा कहां जाऊंगा सरकार
सुख में कन्हैया तेरी याद न आयी दुःख में सांवरिया तुमसे प्रीत लगाई सारा दोष है मेरा मैं करता हूं स्वीकार यहां से गर जो हारा कहां जाऊंगा सरकार
मेरा तो क्या है मैं तो पहले से हारा तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा डूब गई क्यों नैय्या तेरे रहते खेवनहार यहां से गर जो हारा कहां जाऊंगा सरकार
सब कुछ गंवाया बस लाज बची है तुमपे ही कान्हा मेरी आस बंधी है सुना है तुम सुनते हो हम जैसों की पुकार यहां से गर जो हारा कहां जाऊंगा सरकार
जिसको बताया मैंने अपना फ़साना सबने बताया मुझको तेरा ठिकाना मेरी इस नैय्या के तुम ही हो खेवनहार मैंने तुमको माना हैं माता पिता परिवार यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार
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