कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा शिव शरण आने के बाद
हर ख़ुशी मिल जायेगी चरणों में झुक जाने के बाद
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा, शिव शरण आने के बाद
प्रेम के मंजिल के राही, कष्ट पाते हैं मगर
बीज़ फलता है सदा, मिट्टी में मिल जानें के बाद
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा शिव शरण आने के बाद
देख़कर काली घटा को, ए भ्रमर मत हो निराश
बंद कलियाँ भी खिलेंगी, रात ढल जानें के बाद
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा, शिव शरण आने के बाद
पूछों इन फूलों से जाकर, छाई है कैसे बहार
कब तलक काँटों पे सोया, डाल पर आने के बाद
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा, शिव शरण आने के बाद
जब तलक है भेद मन में, कुछ नहीं कर पायेगा
रंग लाएगा ये साधन, भेद मिट जाने के बाद
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा, शिव शरण आने के बाद,
हर ख़ुशी मिल जायेगी ,चरणों में झुक जाने के बाद,
कुछ न बिगड़ेगा तुम्हारा, शिव शरण आने के बाद
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