बृंदावन के कण कण में मोहन तुम रहते हो भक्तों के हृदय में🌹रोम रोम खिल जायेगा मस्त भजन सुनिए💃

 

 

मोहन तुम मथुरा में रहते हो रहते हो बृंदावन के कण कण में रहते हो रहते हो 

ब्रम्हा ने तुम्हें जाना है विष्णु ने पहचाना है , भोले की डमरू में रहते हो रहते हो 

गंगा ने तुम्हें जाना है यमुना ने पहचाना है सरयु की लहरों में रहते हो रहते हो 

चंदा ने तुम्हें जाना है सूरज ने पहचाना है तारों की चम चम में रहते हो रहते हो 

भक्तों ने तुम्हें जाना है संतो ने पहचाना है हर प्राणी के हृदय में रहते हो रहते हो 




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