आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सैंया बुलाऊं तुम्हें घर अंगना
तेरे लिए कान्हा मैंने ग्वालों को बुलाया , आकर के गउवें चराना न करना बहाना बुलाऊं तुम्हें घर अंगना
तेरे लिए कान्हा मैंने झूला डलवाया , राधा संग झूला झूल जाना पैंग खूब बढ़ाना बुलाऊं तुम्हें घर अंगना
तेरे लिए कान्हा मैंने सखियों को बुलाया , संग संग रास रचाना मुरलिया बजाना बुलाऊं तुम्हें घर अंगना
तेरे लिए कान्हा मैंने माखन बनाया , जी भरके माखन मिश्री खाना खूब फैलाना बुलाऊं तुम्हें घर अंगना
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