पांव में घुंघरू हाथों में कंगना आये गजानन मेरे अंगना
गढ़ुआ गागर गंगा जल पानी , चरण धुलाऊं मैं गौरा जी के ललना आये गजानन मेरे अंगना
चांदी की कटोरी में केसर रोली , तिलक लगाऊं मैं गौरा जी के ललना आये गजानन मेरे अंगना
वेला चमेली का हार बनाया , माला पहनाऊं मैं गौरा जी के ललना आये गजानन मेरे अंगना
पीला पीताम्बर पीली धोती , अंग पहनाऊं मैं गौरा जी के ललना आये गजानन मेरे अंगना
सवा मन लड्डू मोदक बनाऊं , जी भर खिलाऊं मैं गौरा जी के ललना आये गजानन मेरे अंगना
जोड़ूं हाथ सब मंगल करना , विध्न हरो सब मंगल करना आये गजानन मेरे अंगना
No comments:
Post a Comment