अवगुण भरा शरीर नाथ हमें कैसे तारोगे🍀एक एक शब्द बहुत अनमोल अम्रत रूपी एकादशी स्पेशल🍀

 

 

अवगुण भरा शरीर नाथ हमें कैसे तारोगे 

मात पिता आज्ञा नहीं मानी , गुरु से किया अभिमान नाथ हमें कैसे तारोगे 

सास ससुर सेवा नहीं कीन्ही , पति से किया अभिमान नाथ हमें कैसे तारोगे 

भूखे को भोजन नहीं दीन्हा , न प्यासे को नीर नाथ हमें कैसे तारोगे 

साधु की संगत नहीं कीन्ही , न कभी किया है दान नाथ हमें कैसे तारोगे 




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