अवगुण भरा शरीर नाथ हमें कैसे तारोगे
मात पिता आज्ञा नहीं मानी , गुरु से किया अभिमान नाथ हमें कैसे तारोगे
सास ससुर सेवा नहीं कीन्ही , पति से किया अभिमान नाथ हमें कैसे तारोगे
भूखे को भोजन नहीं दीन्हा , न प्यासे को नीर नाथ हमें कैसे तारोगे
साधु की संगत नहीं कीन्ही , न कभी किया है दान नाथ हमें कैसे तारोगे
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