मीरा छम छम नाचे घूंघट खोल खोल के मीरा कान्हा को बुलावे हरि बोल बोल के मीरा हरि को बुलावे हरि बोल बोल के
लिये सोने का गढ़ुआ गंगा जल पानी , मीरा प्रेम से नहलावे हरि बोल बोल के मीरा छम छम नाचे घूंघट खोल खोल के
लिए गैया का दूध कटोरा भर के , मीरा प्रेम से पिलावे पीलो जी भर के मीरा छम छम नाचे घूंघट खोल खोल के
लिए माखन मिश्री थाली भर के मीरा प्रेम से खिलावे खाओ जी भर के मीरा छम छम नाचे घूंघट खोल खोल के
लागी हरि मिलन की आस बैठी कमरे में उदास , मीरा प्रेम से बुलावे खिड़की खोल खोल के मीरा छम छम नाचे घूंघट खोल खोल के
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