संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी , अच्छी बनेगी
तेरी भली बनेगी होय तेरो बड़ो भाग्य रे तेरी अच्छी बनेगी
संतन के संग होत कमाई , राम चरन अनुराग रे तेरी अच्छी बनेगी
काम क्रोध मद लोभ ईर्ष्या , त्याग सके तो त्याग दे तेरी अच्छी बनेगी
ध्रुव जी की बन गई प्रहलाद की बन गई , हरि सुमिरन मे लाग रे
कागा से तोहे हंस करेंगे , मिट जायें दिल के दाग रे तेरी अच्छी बनेगी
मोह रात्रि में बहुत दिन सोया , जाग सके तो जाग रे तेरी अच्छी बनेगी
कहत कबीरा सुनो भाई साधो , लाग सके तो लाग रे तेरी अच्छी बनेगी
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