अंगना में आओगे कन्हैया तोहे जाने न दूंगी
अंगना में आओगे तो माखन खिलाऊंगी , माखन खिलाऊंगी तुम्हें मैं रिझाऊंगी माखन की भरी है मटुकिया तोहे जाने न दूंगी
अंगना में आओगे तो दही मैं खिलाऊंगी , दही मैं खिलाऊंगी तुम्हें मैं रिझाऊंगी दही की भरी है मटुकिया तोहे जाने न दूंगी
अंगना में आओगे तो राधा से मिलाऊंगी , राधा से मिलाऊंगी तुम्हें मैं रिझाऊंगी संग में होंगी सारी सखियां तोहे जाने न दूंगी
अंगना में आओगे तो ग्वालों से मिलाऊंगी , ग्वालों से मिलाऊंगी तुम्हें मैं रिझाऊंगी संग में होंगी सारी गैयां तुम्हें जाने न दूंगी
अंगना में आओगे तो सत्संग कराऊंगी , सत्संग कराऊंगी तुम्हें मैं रिझाऊंगी दर्शन में हो तेरी सुरतिया तुम्हें जाने न दूंगी
No comments:
Post a Comment