माखन खा मिश्री मैं दूंगी ये मोहन तेरे लिए
एक तो गर्मी का मौसम दूसरे पंखा नहीं , सिर से टपके है पसीना ये मोहन तेरे लिए
एक तो सर्दी का मौसम दूसरे कम्बल नहीं , ठंड से धड़के कलेजा ये मोहन तेरे लिए
एक तो बारिश का मौसम दूसरे छाता नहीं , भींगे मेरी लाल चुनरिया ये मोहन तेरे लिए
एक तो सावन का महीना दूसरे झूला नहीं , तिरछी है तेरी नजरिया ये मोहन तेरे लिए
एक तो फागुन महीना दूसरे रंग गुलाल नहीं , मिलने को आजा सांवरिया ये मोहन तेरे लिए
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