माखन खा मिश्री मैं दूंगी ये मोहन तेरे लिए🌿कार्तिक पूर्णिमा स्पेशल बहुत ही प्यारा कृष्ण भजन🌿

 

 

माखन खा मिश्री मैं दूंगी ये मोहन तेरे लिए 

एक तो गर्मी का मौसम दूसरे पंखा नहीं , सिर से टपके है पसीना ये मोहन तेरे लिए 

एक तो सर्दी का मौसम दूसरे कम्बल नहीं , ठंड से धड़के कलेजा ये मोहन तेरे लिए 

एक तो बारिश का मौसम दूसरे छाता नहीं , भींगे मेरी लाल चुनरिया ये मोहन तेरे लिए 

एक तो सावन का महीना दूसरे झूला नहीं , तिरछी है तेरी नजरिया ये मोहन तेरे लिए 

एक तो फागुन महीना दूसरे रंग गुलाल नहीं , मिलने को आजा सांवरिया ये मोहन तेरे लिए 




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