बड़े अरमान लेकर के बालाजी तेरे द्वार आये हैं हरो संकट हरो पीड़ा ये आशा लेकर आये हैं
सुनी महिमा बहुत तेरी हरो अब पीर तुम मेरी , तेरा ही आसरा लेकर तेरे दरबार आये हैं
परेशान इस कदर बाबा जुबां से न बता पाऊं , सुनो फरियाद मन की तुम हम अरजी लेकर आये हैं
हुए बेहाल दर दर से कोई मेरा नहीं बाबा , बुझी ज्योति जगाने को आश हम लेके आये हैं
फंसी नैया भंवर मेरी लगा दो पार तुम बाबा , तेरे चरणों में जीवन के बिताने दिन हम आये हैं
No comments:
Post a Comment