दिया है ज्ञान भंडार सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने , दिया सुंदर परिवार सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
मैंने देखा नहीं दिखाया सतगुरु ने रवि से मिलाया , हम भटक रहे थे गुल में बांह पकड़ के पार लगाया , खिला दिया गुलजार सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
मैं जब जब गुरु को देखूं मेरे दिल में उठें फुलझडियां , मैं करूंगी तेरा पीछा चाहें लग जायें हथकड़ियां , कर दिया मुझे निहाल सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
जो लगन लगाये सच्ची कभी उसकी नाव न अटकी , बेड़े को पार लगाया नहीं देर करी एक पल की , मिटा दिया जंजाल सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
मेरे सतगुरु मेरे साथी इस दिल में है तेरी झांकी , तेरी बंशी की धुन सुनके खोई हुई शक्ति जागी , कर दिया सुंदर श्रंगार सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
जैसी जो भावना लाया वैसा ही वो फल पाया , नहीं खाली उसे लौटाया वो मन ही मन हरषाया भर दिया सब भंडार सतगुरु प्यारे ने कर दिया मालामाल सतगुरु प्यारे ने
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