हृदय स्पर्शी राम सीता भजन🌹घर रह जाओ जनकदुलारी वहां वन में दुख अति भारी🌹दशहरा स्पेशल🌹

 

 

घर रह जाओ जनकदुलारी वहां वन में दुख अति भारी 

पैदल पैदल चलना पड़ेगा न है वाहन सवारी वहां वन में दुख अति भारी 

धरती पे तुम्हें सोना पड़ेगा न है पलंग पसारी वहां वन में दुख अति भारी 

कंद मूल फल खाने पड़ेंगे न है भोजन थाली वहां वन में दुख अति भारी 

म्रग पक्षी से बातें करनी पड़ेंगी न वहां सखियां तुम्हारी वहां वन में दुख अति भारी

 


 

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