घर रह जाओ जनकदुलारी वहां वन में दुख अति भारी
पैदल पैदल चलना पड़ेगा न है वाहन सवारी वहां वन में दुख अति भारी
धरती पे तुम्हें सोना पड़ेगा न है पलंग पसारी वहां वन में दुख अति भारी
कंद मूल फल खाने पड़ेंगे न है भोजन थाली वहां वन में दुख अति भारी
म्रग पक्षी से बातें करनी पड़ेंगी न वहां सखियां तुम्हारी वहां वन में दुख अति भारी
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