चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आख के तारों का
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
वैष्णो देवी के मन्दिर मे , लोग मुरदे पाते है
रोते रोते आते हैं और हसतें हंसते जाते हैं
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
मैं भी तो एक माँ हूं माता माँ ही माँ को पहचाने
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
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