राधा पूंछ रहीं तुलसा से तुलसा कहां तेरी ससुराल , कहां तेरी ससुराल तुलसा कौन तेरे भरतार राधा पूंछ रहीं तुलसा से तुलसा कहां तेरी ससुराल
नीलगगन हैं पिता हमारे भागीरथ हैं मात बृंदावन ससुराल हमारी सांवरिया भरतार राधा पूंछ रहीं तुलसा से तुलसा कहां तेरी ससुराल
बलदाऊ हैं जेठ हमारे मात यशोदा सास नंद बाबा हैं ससुर हमारे ननद सुभद्रा हमार राधा पूंछ रहीं तुलसा से तुलसा कहां तेरी ससुराल
तुम तो राधा बगल बिराजो मोर मुकुट जिनके शीष बिन मेरे हरि भोग न भावे करें न वो स्वीकार राधा
हरि की मैं पटरानी कहाऊं हरि मेरे भाग्य सुहाग यही परिचय है बहना मेरा हरि हैं मेरे सुहाग राधा
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