मिलती है मां की भक्ति भक्तों नसीब से होतीं मुरादें पूरी भक्तों नसीब से
माता बड़ी है दानी भरती है झोलियां बिन मांगे मिलते मोती भक्तों नसीब से
शक्ति भी अम्बे मां की कितनी अपार है सब खेल हैं निराले मैया अजीब से
पाया है उसने सब कुछ जो मांगा हो गया मैया का जिसने जलवा देखा करीब से
उनका है सबसे नाता चाहे रंक हो या राजा खुश रहती मेरी मैया प्यारे गरीब से
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