हम तुमसे पूछें ये रानी तुलसा कौन वरन वर पायो मेरे राम
अषाढ़ मास में बोई गई थी सावन दोय दोय पत्ता मेरे राम
हम तुमसे
भादों मास हमने दहिया न चाखो क्वांर तरइंयां खेलीं राम
हम तुमसे
कार्तिक मास हम कार्तिक नहाई अगहन रजइया न ओढ़ी राम हम तुमसे
पूस मास हमने अग्नि न तापी माघ मास हम नहाई राम हम तुमसे
फागुन मास हमने होली न खेली चैत तमाशा न देखो राम हम तुमसे
बैशाख मास हमने बिजनी न डोली जेठ तपे न देखी राम हम तुमसे
बारह महीने हमने तप है कीन्हो अबहूं न हमको मिले हैं राम
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