मेरे श्याम संवरना छोड़ो नजरिया लग जायेगी ओ छलिये
लटकें यूं लट घुंघराली बिजुरिया गिर जायेगी ओ छलिये
नैनों के खंजर मारे गुजरिया मर जायेगी ओ छलिये
तेरी चाल बड़ी मतवाली कि सखियां मर जायेंगी ओ छलिये
क्यों तान सुरीली छेड़े बांसुरिया छल जायेगी ओ छलिये
तुझे देख गुजरिया नाचेकि राधा जल जायेगी ओ छलिये
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