नवरात्रि स्पेशल💐जैसा दरबार आला है मां कोई दरबार आला नहींं💐मस्ती भरा बहुत ही सुन्दर भजन💐

 

 

जैसा दरबार आला है मां का वैसा दरबार आला नहीं है 

काली काली लटें लटकती हैं रंग मैया का काला नहीं है पड़ी फूलों की माला गले में कोई मुंडो की माला नही है 

सारे त्रिभुवन में तेरा बोल बाला किसी का बोल बाला नही 

ज्वाला मां तुममे कितनी है ज्वाला दीपक में उजाला नही है 

भक्त पर कष्ट जब जब है आये मां ने पल में सब कष्ट मिटाये शेरावाली तू ही लाटावाली तू ही अम्बे बनी तू ही काली तेरे जैसा न कोई है दूजा शेरावाली तू ही बस तू ही है 




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