मैया खोल दे आज दरबार सवाली तेरे दर पे खड़े
तू जग जननी आदि भवानी तरसें तुझे सब शेरावाली सब बोले जय जयकार भवानी तेरे दर पे खड़े मैया खोल दे
सबके मन की तू ही जाने मेरी भी जाने तेरी भी जाने
साँचे झूठे को पहचाने, मैया कर दो अब तो पार भवानी तेरे दर पे खड़े
सिरजू बन कर आए तेरे दर पे झोली फैलाए खड़े है तेरे दर पे मैया खोल दे भरे भंडार भवानी तेरे दर पे खड़े
दूर दूर से यात्री आए पान सुपारी ध्वजा ले आए मैया भेंट करो स्वीकार भवानी तेरे दर पे खड़े
बीच भँवर में फँसीं हुई हूँ दर पे अकेले में पड़ी हुई हूँ मैया कर दो भव से पार भवानी तेरे दर पे खड़े
सेवक बन के दर पे खड़े हैं दर्शन के लाले पड़े हैं
मैया दे दो अपनी दर्श भवानी तेरे दर पे खड़े
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