अब सुख काहू ने न पायो मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 

प्रेम कियो मीरा बाई ने अब बाने पिये जहर के प्याले मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 

प्रेम कियो द्रोपदी रानी ने अब कियो भरी सभा में उघारी मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 

प्रेम कियो अर्जुन राजा ने अब बाने भरो सूत घर पानी मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 

प्रेम कियो मोरध्वज राजा ने अब सुत आरी से कटवायो मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 

प्रेम कियो नरसी भगत ने अब नैहर को भेद सुनायो मेरे मोहन तुमसे प्रेम कर करके 




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