यहां आज सभा में सबसे पहले सुमिरन करता तेरा प्रभू संकट हरियो मेरा
तुम सब देवन देव बड़े हो पहले तुम्हें मनाते हैं संकट में आकर भक्तों की तुम ही लाज बचाते हो अब लाज आज रखो गौरी सुत मेरा प्रभू संकट हरियो मेरा
हैं मात तुम्हारी पार्वती और शंकर पिता कहाये तुम मूषक चढ़के आओ देव तेरे भक्त बुलायें अब आकर भोग लगाओ देवा बालक जान के मेरा प्रभू संकट हरियो मेरा
जो सच्चे मन से ध्यान करे उनके हैं काज बन जाते जो निंदा करें प्रभू तेरी वो सफल नहीं हो पाते तुम भक्तों की प्रभू लाज रखो तेरी शरण में डाला डेरा प्रभू संकट हरियो मेरा
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