तेरी उतारूं नजरिया रिद्धि के सांवरिया रिद्धि के सांवरिया सिद्धि के सांवरिया तेरी उतारूं नजरिया रिद्धि के सांवरिया
मेरे गणराज गजानन आओ लडडुअन से तुम भोग लगाओ भक्तों से भरी है नगरिया रिद्धि के सांवरिया
एक दन्त दयावन्त चार भुजाधारी शिवनंदन हम शरण तुम्हारी लेलो हमारी खबरिया रिद्धि के सांवरिया
माथे पे तेरे मुकुट बिराजे घर आंगन में शुभ लाभ साजे मूसक घुमावे नगरिया रिद्धि के सांवरिया
मां गौरी के प्यारे गजानन आ जाओ तुम मेरे आंगन कहीं बीत न जाये उमरिया रिद्धि के सांवरिया
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